*बिहार में जल्द शुरू होगा जातीय जनगणना का काम, सर्वदलीय बैठक में लिया गया फैसला*
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बिहार में जातीय जनगणना को लेकर बुधवार को सर्वदलीय बैठक हुई है। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, मंत्री विजय चौधरी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा, जीतन राम मांझी और एआईएमआईएम तथा लेफ्ट पार्टी के नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद मीडिया से सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बैठक में सभी दलों की सहमति हो गयी है। अब जल्द कैबिनेट की बैठक में इसके रूपरेखा को लेकर फैसला लिया जाएगा और बिहार में जातीय जनगणना शुरू हो जाएगी।
सीएम नीतीश ने कहा कि पहले हम लोगों ने प्रयास किया कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो, लेकिन यह नहीं हो सकी। इसके बाद इस पर राज्य सरकार को फैसला लेना था। बिहार शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में था, इसके लिए दो बार बिहार विधानमंडल से प्रस्तवा भी पास किया गया था। अब सभी दलों की बैठक में फैसला लिया गया है कि बिहार में जातीय जगणना होगी। चुकि इस जनगणना के लिए पैसे और लोगों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए बिहार सरकार तैयारी कर रही है। अब कैबिनेट की मीटिंग में इसका रूप रेखा तैयार किया जाएगा।
वहीं इस बैठक में मुकेश सहनी की पार्टी, चिराग पासवान की पार्टी और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी के नेताओं को निमंत्रण नहीं दिया गया था। इसको लेकर मुकेश सहनी ने नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टी के प्रतिनिधी शामिल होने चाहिए। वहीं इस मीटिंग से पहले जातीय जनगणना को लेकर महागठबंधन की भी बैठक हुई। इसमें राजद, कांग्रेस और लेफ्ट की पार्टी शामिल हुई और जातीय जनगणना को लेकर सत्ताधारी दल पर दवाब बनाने का फैसला लिया गया।“`