12th Biology chapter :- 4. REPRODUCTIVE HEALTH (प्रजनन स्वास्थ्य)

THE MIRROR OF SUCCESS COACHING

DHARMPUR RAM RAY ( BAZAR )

DIRECTOR :- NAVEER SIR

12TH MATH :- NAVEEN SIR

PHY. & CHE. :- PRAVEEN SIR

BIO:-PRAMOD KUMAR

10TH SPECIAL :- NAVEEN SIR 

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Q. 1. टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है?

Ans:- टेस्ट ट्यूब बेबी पात्रे निषेचन (In vitro fertilization) का एक उदाहरण है। इसमें अंडे का निषेचन शरीर के बाहर होता है। फिर zygote को 8 कोशीय भ्रूण तक विकसित कर माता के शरीर में फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश कराया जाता है जहाँ भ्रूण का आगे का विकास हो पाता है। अतः इसे Zygote Intra Fallopian Transfer (ZIFT) कहते हैं। यदि भ्रूण का विकास 8 कोशिका से अधिक में होता है, तो इसे सीधे गर्भाशय में प्रतिस्थापित किया जाता है। इसे Intra Uterine Transfer (IUT) कहते हैं सबसे पहला टेस्ट ट्यूब बेबी लुईस जॉय ब्राउन 1978 में इंग्लैंड में पैदा हुई थी। जबकि भारत में सबसे पहला टेस्ट ट्यूब बेबी कुम हर्षा, 1986 में मुंबई में पैदा हुई थी।

Q. Medical Termination of Pregnancy (MTP) क्या है ?

Ans:- Medical Termination of Pregnancy को गर्भपात (abortion) भी कहते हैं। यह गर्भस्थ शिशु (foetus) की प्रारंभिक अवस्था में काफी सुरक्षित तरीके से कराया जाता है जो प्रायः 12 सप्ताह तक का समय है, अर्थात् गर्भावस्था के पहले तीन महीने के अंदर इसके बाद गर्भपात कराना जोखिम भरा होता है क्योंकि इस समय तक गर्भस्थ शिशु अपरा (Placenta ) के निर्माण द्वारा माता के गर्भाशय में मजबूती के साथ चिपक जाता है। अतः अत्यधिक रक्तस्राव की संभावना बनी रहती है।

MTP का महत्व :-

(i) यह अनचाहे गर्भ से छुटकारा का तकनीक है।

(ii) इस तकनीक के उपयोग द्वारा असामान्य गर्भस्थ शिशु को गर्भपात द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।

        हालाँकि आजकल इसका दुरुपयोग सामान्य मादा गर्भस्थ भ्रूण की हत्या (Foeticide) के रूप में सामने आने लगा है जो भारत सहित बहुत से देशों में देखने को मिलता है।

3. Q. बंध्यता ( Infertility) पर नोट लिखें।

Ans:- – लंबे समय तक असुरक्षित सहवास के बावजूद गर्भाधान न हो पाने की स्थिति को बंध्यता कहते हैं। यह नर तथा मादा दोनों में हो सकती है। नर में बंध्यता शुक्राणु की अल्पता या नपुंसकता मुख्य कारण हैं। मादा में बंध्यता ल्युटियल फेज डिफेक्ट या हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है।

4. Q. . यौन संचारित रोग के बचाव के उपाय का वर्णन करें।

Ans:-  (1) मैथुन के समय सदैव कंडोम का इस्तेमाल

(ii) किसी अनजान व्यक्ति के साथ यौन संबंध न रखें।

(iii) आशंका होने पर तुरंत प्रारंभिक जाँच के लिए किसी योग्य

चिकित्सक से मिलें और रोग का पता कर पूरा इलाज करें।

5. Q. निम्नलिखित को परिभाषित करें-

(a) ZIFT         (b) ICSI        (e) IVF

Ans:-

– (a) ZIFT इसे जाइगोट इंद्रा फैलोपियन ट्रांसफर कहते हैं। इसमें 8 कोशीय अवस्था तक के भ्रूण को फैलोपियन ट्यूब में सीधे स्थानान्तरित किया जाता है।

(b) ICSI – इसे अंतः कोशिकीय शुक्राणु निक्षेपण कहते हैं। इस तकनीक द्वारा शुक्राणु को सीधे ही अंडाणु में अंतःक्षेपित किया जाता है।

(c) IVF इसे जीव निषेचन कहते हैं इस तकनीक द्वारा स्त्री के भीतर ही युग्मकों के संलयन से बनने वाले भ्रूणों को स्थानान्तरण के लिए प्रवेग में लाया जाता है।

Q. 6. उल्ववेधन तकनीक क्या है? हमारे देश में यह निषेधित क्यों है? क्या इसे जनन स्वास्थ्य के एक महत्त्वपूर्ण तकनीक के रूप में उपयुक्त होना चाहिए ? टिप्पणी करें।

Ans:- उल्वेधन तकनीक के द्वारा गर्भस्थ शिशु में मौजूद आनुवंशिक विकार का पता लगाया जाता है। हमारे देश में उल्वेधन जाँच निषेधित है क्योंकि बहुत सारे दंपत्ति इसका दुरुपयोग लिंग जाँच द्वारा करते हैं। अर्थात् गुणसूत्रीय जाँच के द्वारा यदि मादा लिंग का पता चलता है, तो शीघ्र ही गर्भाशाय में ही भ्रूण हत्या (Foeticide) करवा दिया जाता है। इसके कारण मादा शिशु की संख्या तेजी से घटते जा रही है। अतः इसे निषेधित कर दिया गया है संवैधानिक रूप से। हाँ, इसे जनन स्वास्थ्य के एक महत्त्वपूर्ण तकनीक के रूप में उपयुक्त होना चाहिए, क्योंकि Amniotic द्रव्य में उपस्थित गर्भस्थ शिशु की कायिक कोशिकाओं को संवर्धित कर गुणसूत्र प्राप्त कर विकार को दूर किया जा सकता है। अतः समुचित इलाज कर गर्भास्थ शिशु के विकार को समय रहते दुरुस्त किया जा सकता है।

Q. 7. आपातकालीन गर्भनिरोधक (Emergency Contraceptive) पर नोट लिखें |

Ans:- यह असुरक्षित यौन या लैंगिक धमकी या रेप से बचाव का तकनीक है जिसके कारण गर्भधारण की संभावना बनी होती है इस प्रकार के आपातकालीन दवा को प्रायः “Morning after Pills” कहते हैं। जैसे- iPill, unwanted 72, avidon इत्यादि IUDs का असुरक्षित यौन के तीन दिनों के अंदर insertion सुरक्षित माना जाता है। इस दवा में प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का उच्च खुराक दिया जाता है जो ovulation को लंबित कर देता है।

Q. 8. STD क्या है? इसके दो रोगों के नाम लिखें।

Ans:- STD यौन प्रभावित रोग है जिसमें जननमार्गों में संक्रमण होता है। यह एक मनुष्य से दूसरे में यौन घनिष्ठता के कारण प्रवाहित हो जाता है। ऐसे दो रोग हैं- एड्स एवं साइफिलिस

Q. 9. यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases) की विभिन्न जाँच परीक्षण को बताएँ |

Ans:- – यौन संचारित रोग (STD) की जाँच साधारणतया यौन रोग रिसर्च प्रतीक्षालय (Veneral Disease Research Laboratory) में किया जाता है।

इस प्रकार की कुछ प्रमुख जाँचें निम्नलिखित हैं-

(i) संवर्ध द्वारा सूक्ष्मदर्शी में विशेष रंजक ।

(ii) DNA संकरण (DNA hybridisation)

(iii) पोलिमेरेज चेन प्रतिक्रिया (Polymerase Chain Reaction)

(iv) एलिसा टेस्ट (ELISA Test) वियशेष प्रकार के एंटीजेन / एंटीबॉडी की जाँच द्वारा

Q. 10. यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? इसके प्रमुख कारक एवं रोगों के उदाहरण दें।

Ans:- यौन संचारित रोग किसी संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में यौन क्रिया के दौरान संचारित होता है। ऐसे रोग को ‘veneral disease’ भी कहते हैं। ऐसे रोग के कारक बहुत से विषाणु, जीवाणु, कवक इत्यादि होते है | कुछ प्रमुख यौन संचारित रोग के उदाहरण हैं- (i) गोनोरिया (ii) सिफिलिस (ii) एड्स

Q. 11. कृत्रिम वीर्यीकरण क्या है?

Ans:- कृत्रिम वीर्यीकरण तकनीक द्वारा शुक्राणु का संग्रहण या तो पति से अथवा किसी स्वस्थ दाता से लेकर मादा के योनि या गर्भाशय में सीधे सूक्ष्म पिपेट की मदद से प्रवाहित कर दिया जाता है ऐसा प्रायः तब किया जाता है जब नर / पति में शुक्राणु बहुत कम हो अथवा नर असमर्थ हो मादा के साथ संभोग करने में ।

Q. 12. GIFT ( Gamete Intra Fallopian Transfer) पर नोट लिखें।

Ans:- इस तकनीक द्वारा शुक्राणु तथा अनिषेचित अंडाणु को फैलोपियन ट्यूब में स्थानान्तरित किया जाता है। निषेचन को अंते निषेचन (in vitro fertilization) कहते हैं जो मादा के शरीर के अंदर होता है। इस प्रकार Zygote का आगे का विकास मादा के शरीर के अंदर होता है।

Q. 13. जनसंख्या विस्फोट के प्रमुख कारण क्या हैं?

Ans:- यूँ तो पूरे विश्व के विभिन्न देशों की जनसंख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है, परन्तु भारतवर्ष में यह काफी भयावह रूप ले रही है। जनसंख्या विस्फोट के निम्नलिखित कारण है—

(i) मृत्युदर में कमी,

(ii) बहुत सी गंभीर बीमारियों का सफल रोकथाम,

(iii) अशिक्षा एवं कम उम्र में शादी का होना,

(iv) परिवार नियोजन कार्यक्रम की जागरूकता का ग्रामीण क्षेत्रों में भारी कमी,

(v) चिकित्सीय प्रौद्योगिकी एवं उचित देखभाल द्वारा शिशुओं का विकास।

Q. 14. संतति नियंत्रण हेतु रासायनिक विधि का वर्णन करें।

Ans:- रासायनिक विधि में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ का उपयोग मादा के ग्रीवा (cervix) के निकट लगा दिया जाता है ये रासायनिक पदार्थ क्रीम, जेली या फोम के रूप में उपलब्ध हैं जो शुक्राणुनाशक का कार्य करता है ये रासायनिक पदार्थ संभोग के समय स्खलित वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं को नष्ट कर देते हैं। इस प्रकार यह संतति-नियंत्रण में उपयोगी होता है। इससे गर्भ निरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

Q. 15. गर्भनिरोधक के रूप में अवरोधक तकनीक क्या है ? उचित उदाहरण के साथ समझायें।

Ans:- इस विधि में अंडा तथ शुक्राणु अवरोधक के कारण परस्पर मिल नहीं पाते हैं, अतः निषेचन नहीं हो पाता है ये तकनीक औरत और मर्द दोनों के लिए निम्न प्रकार से होते हैं-डायफ्राम, सर्विकल टोपी तथा वॉल्ट्स ये सभी उपकरण रबर द्वारा निर्मित होते हैं जिन्हें औरत के प्रजनन नलिका में Insert कर दिया जाता है ताकि Cervix बैंक जाए। इससे शुक्राणु का प्रवेश Cervix में अवरुद्ध हो जाता है। इन अवरोधक तकनीक की पुनर्उपयोग किया ज सकता है।

इसके अतिरिक्त Spermicidal jelly. क्रीम तथा फोम भी उपरोक्त अवरोधक की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं।

Q. 16. जन्म दर नियंत्रण की प्राकृतिक विधियों का वर्णन करें।

Ans:- प्राकृतिक विधि में किसी तकनीक व औषधि की आवश्यकता नहीं होती है। यह तीन प्रकार का होता है-

(i) आवधिक परहेज (Rhythm विधि) अंडोत्सर्जन के बाद Fertility की संभावना 24 से 48 घंटे होती है अतः इस दरम्यान चीन से परहेज किया जाता है, जिससे प्राकृतिक रूप से गर्भ निरोधक के रूप में उपयोग होता है अतः इसे Periodic abstinence या Rhythm method कहते हैं।

(ii) Coitus interruptus- इसे Withdrawl method भी कहते हैं। इसमें वीर्य स्खलन के पहले योनि से बाहर निकाल लिया जाता है।

(iii)  Lactation Amenorhoea – शिशु जन्म के बाद मासिक चक्र का अभाव होता है जो करीब 3 से 6 महीने तक बना रहता है। इस दरम्यान अत्यधिक दुग्ध स्रावण होता है जिसके कारण गर्भ को रोकने का कार्य होता है। अतः इसे ‘Lactational Amonorrhoea’ कहते हैं ।

Q  17. Intra Uterine Devices (IUDs) को परिभाषित करें ।

Ans:-ये युक्ति प्लास्टिक, धातु या दोनों से निर्मित होता है जिसे गर्भाशय के अंदर Insert किया जाता है जिससे गर्भधारण को रोका जा सके। इसमें सबसे उपयुक्त है Cu – T इसमें आयनाइज्ड कॉपर होता है, जो धीरे-धीरे घुलते जाता है, करीब 50 ug प्रतिदिन की दर से। यह शुक्राणु की गतिशीलता को कम कर देता है, अतः निषेचन को रोकता है।

18. गर्भ निरोधक के रूप में यांत्रिक विधि / अवरोधक विधि के महत्त्व का वर्णन करें ।

Ans:- इस रोधक – साधन द्वारा अंडाणु और शुक्राणु को परस्पर मिलने से रोका जाता है। पुरुषों के लिए प्रयुक्त रोधक साधन को कंडोम (condom) – कहते हैं। यह बाजार में ‘निरोध’ के नाम से भी उपलब्ध है । इसी प्रकार महिलाओं में यह डायफ्राम, गर्भाशय ग्रीवा टोपी इत्यादि के रूप में होता है । इसे सहवास के पूर्व गर्भाशय ग्रीवा को ढँककर शुक्राणुओं के प्रवेश को रोका जाता है। रोधक साधनों के साथ शुक्राणुनाशक क्रीम या जेली का इस्तेमाल – करने से गर्भनिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

Q. 19. जनसंख्या नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रकार के गर्भ निरोधक तकनीक का वर्णन करें।

Ans:- जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए विभिन्न गर्भ निरोधक तकनीक हैं जिसमें कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं-

(i) अवरोधक विधि – जैसे – निरोध एवं डायफ्राम । ये तकनीक मूलतः शुक्राणु के मादा के योनि / ग्रीवा में प्रवेश को रोकता है ताकि निषेचन न हो सके।

(ii) गर्भ निरोधक गोली- ये टैबलेट या Pills के रूप में होते हैं जो मुँह द्वारा लिया जाता है। ये अंडोत्सर्जन एवं गर्भधारण को रोकने का कार्य मुख्य रूप से करता है ।

(iii) उपत्वचीय इम्पलांट – जैसे— नॉरप्लांट

(iv) शल्य विधि – इसे नशबन्दी कहते हैं जैसे- नर में Vasectomy तथा मादा में Tubectomy 1

(v) हॉर्मोन का इंजेक्सन — Depo-provera नामक हार्मोन का इंजेक्सन प्रत्येक 3 महीने पर लगाया जाता है। इसमें प्रोजेस्ट्रॉन रहता है जो धीरे-धीरे रक्त में प्रवाहित होते रहता है। यह अंडोत्सर्जन को रोकता है। यह एक सहज युक्ति है तथा इसका कोई खास कुप्रभाव शरीर पर नहीं होता है ।

(vi) अंतः गर्भाशयी युक्ति (Intrauterine device, IUD ) – IUD आजकल एक विशेष प्रकार का उपाय है जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए । कुछ प्रमुख हैं- कॉपर-टी एवं कॉपर – 7 इत्यादि । इस युक्ति को अनुभवी नर्सों या डॉक्टरों द्वारा योनि मार्ग के रास्ते गर्भाशय में लगाया जाता है।

(vii) रासायनिक विधि-शुक्राणुनासी रसायन ग्रीवा के निकट लगा देने से संभोग के समय स्खलित वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं को नष्ट कर देती है।

Q. 20. मौखिक गर्भनिरोधक गोली क्या है ? यह कैसे कार्य करता है ? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन करें।

Ans:- मौखिक गर्भनिरोधक वैसे गर्भनिरोधक हैं जो Tablet के रूप में मुख द्वारा लिया जाता है अतः इसे गर्भनिरोधक गोली कहते हैं। इसे प्रतिदिन एक गोली के हिसाब से 21 दिनों तक लिया जाता है, जो मासिक स्राव चक्र के पाँच दिन के बाद से लिया जाता है। मासिक स्राव के बाद इसे 7 दिनों के अंतराल पर फिर शुरू किया जाता है। ऐसी गोली अंडोत्सर्जन तथा गर्भधारण को रोकने का काम करती है ये गोलियाँ काफी प्रभावी होती है तथा इसका बहुत ही कम हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

ये गोलियाँ 4 तरह से कार्य करती हैं-

(i)अंडोत्सर्ग को रोककर

(ii) अंडवाहिनी की गतिशीलता को रोककर,

(iii) ग्रीवा म्यूकस में परिवर्तन जिससे शुक्राणु का प्रवेश अवरुद्ध हो सके।

(iv) गर्भाशय के Endometrium में बदलाव जिससे गर्भधारण बाधित हो सके ।

*गर्भनिरोधक गोली दो प्रकार की होती हैं-

(a) मिश्रित गोली – इसमें Synthetic प्रोजेस्ट्रॉन तथा एस्ट्रोजन दोनों ही होते हैं जो अंडोत्सर्ग को रोकता है। जैसे- माला D यह प्रतिदिन लिया जाता है।

(b) Mini Pills – इसमें सिर्फ प्रोजेस्टिन होता है, जैसे—सहेली, यह प्रतिसप्ताह एक गोली लिया जाता है।

Q. 21. जनन स्वास्थ्य (Reproductive health) पर संक्षिप्त नोट लिखें।

Ans:- शब्द ‘जनन स्वास्थ्य’ साधारणतः उसे कहते हैं जिसमें स्वस्थ प्रजनन अंग सामान्य ढंग से कार्यरूप हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जनन स्वास्थ्य का अर्थ है जनन के संदर्भ में सभी तरह से परिपूर्ण या सक्षम हो विभिन्न रूपों में (जैसे कायिक, भावनावश सामाजिक एवं व्यावहारिक) । स्वस्थ प्रजनन वाले व्यक्ति वे हैं जिसमें कायिकी तथा क्रियाशील रूप से सामान्य प्रजनन अंग हों तथा सभी यौन संबंधी गतिविधियों में सामान्य व्यवहार तथा भावना का प्रदर्शन करता हो ।

    मानव में जनन स्वास्थ्य संबंधी समस्या तथा इसे दूर करने हेतु कार्यनीति का वर्णन निम्न प्रकार से किया जाता है-

(i) जनसंख्या की तेजी से वृद्धि-भारत देश की यह सबसे बड़ी समस्या है अतः परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत 1951 ई० में शुरू किया गया जनसंख्या नियंत्रण करने हेतु। (i) प्रजनन संबंधी जागरूकता श्रवण दृष्टि तथा प्रिंट मिडिया जैसी एजेंसी द्वारा लोगों के बीच जनन संबंधी जागरूकता हेतु सराहनीय कार्य का सृजन किया जाता है।

(iii) जन्म नियंत्रण उपाय संबंधी जानकारी लोगों को समय-समय पर दी जाती है।

(iv) लैंगिक परिपक्वता एवं अल्प वयस्कावस्था में लड़का एवं लड़कियों में कई प्रकार का बदलाव प्रजनन अंगों में आने लगता है। जिस कारण से उनकी जिज्ञासा यौन के प्रति बढ़ने लगती है। अतः विद्यालय में लैंगिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

(v) यदि उनकी जिज्ञासा को शांत न किया जाय तो कई प्रकार के कुप्रभाव होने लगता है।

Q. 22. यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? ऐसे कुछ प्रमुख रोगों के नाम, कारक एवं प्रमुख लक्षण सहित निदान का वर्णन करें।

Ans:- चीन संचारित रोग वैसे रोग है जो किसी यौन क्रिया संभोग के समय एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। इसे Veneral diseases या Reproductive Tract Infection भी कहते हैं।

* कारक (Causative agent): ऐसे रोग बहुत से जीवाणु, विषाणु एवं अन्य परजीवी के द्वारा होते हैं जिसमें कुछ प्रमुख रोग है.

(i) साइफिलिस (Syphilis) – यह Treponema pallidum नामक जीवाणु से होता है।

प्रमुख लक्षण योनि मार्ग एवं योनि अंग में दर्द रहित अल्सर के साथ-साथ वसिका ग्रंथि में सूजन ।

निदान (Treatment) : पेनिसिलिन एवं ट्रेटासाइक्लिन नामक एंटीबायटिक के प्रयोग द्वारा इलाज किया जाता है।

(ii) गोनोरिया (Gonorrhoea) : यह Neisseria gonorrhoeae नामक जीवाणु से होता है। लक्षण योनि-नलिका से मवाद युक्त साव, दर्द तथा मूत्र त्याग करते समय जलन प्रमुख लक्षण हैं।

* निदान पेनिसिलिन व एम्पीसिलिन नामक एंटीबायटिक के प्रयोग द्वारा रोग पर नियंत्रण किया जाता है।

Q. 23. बंध्याकरण क्या है? इसके तरीकों या शल्य क्रियाविधि का उल्लेख करें ।

Ans:- ये तकनीक गर्भधारण को रोकता है। इस तकनीक द्वारा युग्मक संवहन तथा निषेचन को रोका जाता है नर में इस तकनीक को Vasee- tomy कहते हैं तथा मादा में इसे Tubectomy कहते हैं। Vasectomy शल्यक्रिया में शुक्रवाहिनी की नली को चीड़ा लगाकर तथा बाँध कर मेड़ दिया जाता है स्क्रोटम के ऊपर जबकि ट्यूबेक्टोमी में फैलोपियन ट्यूब का एक छोटा भाग काट कर अलग कर दिया जाता है तथा फिर लपेट कर बाँध दिया जाता है।

शुक्रवाहिका उच्छेदन,डिंब वाहिनी नली (फैलोपीनलिका) - उच्छेदन

Q. 24. चिकित्सीय सगर्भता समापन पर नोट लिखें।

Ans:- गर्भावस्था पूर्ण होने से पहले गर्भ के समापन को चिकित्सीय सगर्भता समापन (MTP) कहते हैं। पूरे विश्व में साल में करीब 45-50 मिलियन (4.5-5 करोड़) MTP किया जाता है जो कुल सगर्भता का 1/5 भाग है।

MTP में साधारणतः मादा भ्रूण की हत्या किया जाता है जो गैर कानूनी कृत्य है । इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने 1971 में कानूनी स्वकृति दी थी । प्रारंभिक सगर्भता या गर्भावस्था के तीन महीने तक गर्भपात सुरक्षित होता है। छः महीना पूरा होने पर गर्भपात कराना घातक होता है। यदि अकुशल हकीमों या (Quakes) से गर्भपात कराया जाए तो यह माता तथा शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। अतः ऐसे हानिकारक प्रवृतियों को रोका जाना चाहिए ।

MTP का महत्त्व

i) यह अनचाहे गर्भ से छुटकारा का तकनीक है।

(ii) इस तकनीक द्वारा असामान्य / विकृति वाले गर्भस्थ शिशु को प्रारंभिक अवस्था में ही गर्भपात द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है ।

 

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